बादशाहपुर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी कुमुदनी राकेश के समर्थक ने पत्रकार विमल को दी धमकी,मामला पुलिस तक पहुंचा?
सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज:
हरियाणा की सबसे बड़ी विधानसभा सीट बादशाहपुर में भाजपा के प्रचार के लिए जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंच चुके है,वहीं कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में सांसद दीपेंद्र हुड्डा,सचिन पायलट सहित कई बड़े नेता जनसभा कर चुके हैं। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी गत रविवार को इस सीट की जनता से सहयोग लेने के लिए जनता के बीच पहुंच चुके हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी वर्धन यादव व भाजपा से पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह के बीच ही है। वहीं जातीय मतदाताओं के समीकरण के अनुसार कुमुदिनी राकेश दौलताबाद व वीरू सरपंच भी आपस में जाट मतदाताओं की वोट काटने में लगे हुए हैं। वहीं कई निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सभी प्रत्याशी अपनी जीत के दावे ठोक कर कर रहे हैं, बादशाहपुर सीट से जनता किसको अपना प्रतिनिधि चुनती है, यह तो आने वाली 8 अक्टूबर को ही पता चलेगा, हालांकि हर प्रत्याशी किसी न किसी तरह से वोटरों को लुभाने में लगा हुआ है। वहीं वर्तमान विधायक रहे स्वर्गीय राकेश दौलताबाद की अचानक मौत हो जाने से चुनाव मैदान में उतरी उनकी पत्नी राकेश दौलताबाद ने भी दोबारा सीट पर कब्जा करने के लिए परचम लहरा दिया है। जबकि जहां बीजेपी की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह का अंदर खाने बीजेपी के कई नेताओ ने विरोध भी किया था, वहीं खुलकर किसी भी सभा व रैली में उनके साथ दिखाई नहीं दे रहे हैं, वहीं कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे वर्धन यादव भी अब सांसद दीपेंद्र हुड्डा के चुनावी सभा में आने के बाद उनके भी बोल बिगड़ने लग गए हैं, कुछ वाटर उनके बारे में भी है चर्चा करने लगे हैं कि वह तो सरेआम ही बुलडोजर की कार्रवाई को चुनावी मुद्दा बनाकर साफ इनकार कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने सेक्टर 22 में कुछ दबंगों द्वारा किए गए सरकारी जमीन पर कब्जा के मामले में दबंगी दिखाई थी। वहीं लोगों में इस बात की चर्चा है कि दो बंदरों की लड़ाई में कहीं बिल्ली ही ना मोर्चा मार जाए। क्योंकि सभी प्रत्याशियों के भी अपने-अपने भी कुछ वोट बैंक है। जिनके बलबूते पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। वहीं वीरू सरपंच के ऊपर भी पुलिस में कई मामले दर्ज बताए गए हैं। तथा नरवीर तो काफी समय से विवादों में चली रहे हैं हालांकि उनको हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से राहत अवश्य मिली है,लेकिन फिर भी लोगों ने उन पर जमकर उंगलियां उठाई है। कांग्रेस प्रत्याशी वर्धन यादव पर भी जो दिल्ली में मामले चल रहे हैं उनसे भी उनकी सह अवश्य कम हुई है जिसमें एक पीड़ित लड़की ने भी उनके खिलाफ काफी जहर उगला है। अब बात आ जाती है निर्दलीय प्रत्याशी कुमुदिनी की जिनको कुछ सहानुभूति भी मिलने की उम्मीद है, लेकिन उनके बारे में भी यही चर्चा है कि उनके पति के कुछ चाहते केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। जिनके उकसाने के बाद ही दुखी मन से कुमुदिनी को ना चाहते हुए भी चुनाव मैदान में कूदना पड़ा। जिनपर भी उनके एक समर्थक सूबेदार नामक व्यक्ति पर फरुखनगर के एक पत्रकार विमल मोहन को खबर छपने पर जान से मारने की धमकी फोन द्वारा दे दी गई। जिसकी शिकायत भी पीड़ित पत्रकार ने 112 व थाना फरुखनगर में पहुंचा दी है। जब इस पत्रकार ने निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थक अजय जांघू से उनके मोबाइल फोन पर बात की तो उन्होंने कहा मामले की मुझे जानकारी नहीं है, वहीं उन्होंने खबर लिखने से भी मना किया है। वहीं पीड़ित पत्रकार की तरफ से संकेत मिले हैं कि कानूनी कार्रवाई में ना पड़ते हुए भाईचारा व सामाजिक स्तर पर इस मामले का निपटान होने की संभावना है।